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इन 9 दिनों तक

  • Writer: Mister Bhat
    Mister Bhat
  • Sep 24
  • 2 min read

कविता का शीर्षक - इन 9 दिनों तक


सुबह से मैं यही सोच रहा था की,

इस नवरात्री पर क्या लिखा जाये |

शाम होते - होते समझ आया की,

क्यों ना इस बार सच लिखा जाये |


1.

अब से इन 9 दिनों तक,

हर कन्या को पूजा जायेगा |

पैर धोकर सत्कार करेंगे

सम्मान से रखा जायेगा | |


2.

अब से इन 9 दिनों तक,

हर दृष्टि पड़ने वाली पवित्र होगी |

अनेक स्वादिष्ट व्यंजन बनेंगे ,

हलवा, खीर, पराठे, पूरी होगी | |


3.

अब से इन 9 दिनों तक,

हर लड़की को सम्मान मिलेगा |

राजकुमारी बनाकर सेवा करेंगे,

तभी माता का आशीर्वाद मिलेगा | |


4.

अब से इन 9 दिनों तक,

हर लड़की धार्मिक होगी |

होगी सदभावना मन में उनके,

चेहरे पर भी सादगी होगी | |


5.

अब से इन 9 दिनों तक,

लड़कियां रोज पूजा पाठ करेगी |

विदेशी फ़ैशन छोड़ कर अब वो,

भारतीय परिधान पसंद करेगी | |


6.

अब से इन 9 दिनों तक,

सोशल दुनिया का दिखेगा नया रंग |

फिल्टर नहीं, बस तिलक-चुनरी,

सजायेंगे सबके अंग-अंग।


7.

अब से शायद इन 9 दिनों तक,

ना कोई भी लड़की भूखी होगी |

न कहीं कोई छेड़ छाड़ का मामला,

ना ही कोई गैंग रेप की घटना होगी | |


8.

शायद इस नवरात्री के इन 9 दिनों में,

वो प्रेमिका कुछ कमाल कर दिखाये |

जिन्हे विश्वास है अपने, गैर धर्म के प्रेमी पर,

वो अपने उस सच्चे प्रेमी को मंदिर तक ले आये | |


9.

शायद इस नवरात्री कुछ ऐसा हो जाये,

वो प्रेमिका अपने गैर हिन्दू प्रेमी से ये कह पाये |

प्रेम में हर बार प्रेमिका ही क्यों अपना धर्म बदले,

प्रेमी अगर सच्चा है तो धर्म बदलकर हिन्दू हो जाये | |




नवरात्री की हार्दिक बधाई 🙏🙏🙏




 
 
 

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