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तेरे होने का अहसास है |

  • Writer: Mister Bhat
    Mister Bhat
  • Sep 24
  • 2 min read

तुम्हारी मुस्कुराहट देख कर,

तुमसें ऐसा लगाव हो गया |

धीरे धीरे बाते हुई और फिर,

बातों ही बातों में प्यार जो गया ||


पता चला की तुम भी मुझे...

मन ही मन चाहती थी लेकिन...

कहने से डर रही थी ||


लेकिन मैं इतना बेशर्मा की मुझे,

अहसास होते ही मैं रह ना सका

जो भी मैंरे दिल में था, तुम्हारे लिए..

उस अहसास को लेकर इज़हार कर दिया,

तुझे दिल की रानी बनाकर सर पे ताज़ रख दिया ||


प्यार को प्रवान चढ़ा और फिर हुई,

मीठी मीठी बातें और प्यारी प्यारी यादें |

रातों की Chat और सुबह की Call,

दिल में मेरे बज रहा था तेरे प्यार का ढ़ोल | |


यहाँ तक़ सब कुछ सही चल रहा था,

तुम्हरे प्यार में मेरा दिल मचल रहा था |

मैं था बेपरवाह तेरे इश्क़ के नशे में,

लेकिन तुम्हारे दिल में तों छल पल रहा था ||


एक दिन अचानक दिखी तुम मुझे

किसी के साथ काली थार में....

मुझे विश्वास था तुम पर कुछ ज्यादा ही,

इसलिए शक़ नहीं किया बेकार में...| |


अब धीरे धीरे बातें कम होने लगी थी,

शायद तुम मुझसे अब तंग होने लगी थी.

कभी शौक था तुम्हे मेरे साथ पैदल चलने का

लेकिन अब तुम्हे वो थार भाने लगी थी | |


क्या कमी रह गयी थी मेरे प्यार में,

हमने साथ में मूवी भी तो देखी थी PVR में |

हमने अपने प्यार की जो यादें बनाई थी,

तुम सब कुछ भूल गई एक ही बार में | |


वो फैसला भी तुम्हारा ही था और...

उसका नतीजा भी तुमने ही भुगता है |

सब लड़के राधे तों नहीं है जो इज़्ज़त करें तुम्हारी...

लोग आये, इस्तेमाल किया, और छोड़ गए बना के बैचारी |||


ना तेरा यूँ जाने का गम है मुझे,

ना ही तेरी याद में दिल मेरा उदास है |

ना कभी तेरी कमी महसूस हुई मुझे...

और ना अब तेरे होने का अहसास है | |

 
 
 

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