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हार का स्वाद: असफलताओं से मिलने वाली छुपी जीत

  • Writer: Mister Bhat
    Mister Bhat
  • Aug 10
  • 1 min read

Updated: Aug 12

हार का स्वाद: असफलताओं से मिलने वाली छुपी जीत


हम सभी जीत को मीठा कहते हैं,

लेकिन सच्चाई ये है कि असली स्वाद तो हार में छुपा होता है।


क्योंकि जीत आपको खुश कर सकती है,

लेकिन हार आपको बदल देती है।

हार एक दर्पण है —जो आपको आपके असली रूप में दिखाता है।


वो आपको बताती है कि आप कितने मज़बूत हैं,

और कितना झेल सकते हैं।

ये आपको आपकी सीमाएँ दिखाती है,

और फिर चुपचाप कहती है — "अब इन्हें तोड़ो।"

हर असफलता अपने साथ एक सबक लेकर आती है।

लेकिन हम अक्सर उस सबक को नजरअंदाज कर देते हैं,

क्योंकि हमारा ध्यान सिर्फ़ नतीजे पर होता है,यात्रा पर नहीं।


कभी-कभी हार हमें वो सिखा देती है,

जो जीत कभी नहीं सिखा सकती —

सब्र, विनम्रता, और अपने सपनों के लिए

फिर से उठ खड़े होने की ताक़त।


सोचिए, अगर ज़िंदगी में कोई हार न हो,

तो हम कभी सीख ही नहीं पाएंगे कि

जीत की क़ीमत क्या होती है।


बिना बारिश के खेत सूख जाते हैं,

और बिना असफलताओं के इंसान भी।


इसलिए अगली बार जब आप हारें,

तो खुद से ये मत पूछिए — "मैं क्यों हारा?

"बल्कि पूछिए — "इस हार ने मुझे क्या सिखाया?"


क्योंकि हार सिर्फ़ एक ठहराव है,अंत नहीं।

और अगर आप उससे सीख लेते हैं,

तो यकीन मानिए, आपने आधी जीत अभी ही हासिल कर ली है।


 
 
 

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