top of page
Search

समय: जो दिखता नहीं लेकिन जीवन को चलाता है

  • Writer: Mister Bhat
    Mister Bhat
  • Aug 10
  • 1 min read

Updated: Aug 12

समय: जो दिखता नहीं लेकिन जीवन को चलाता है


हम समय को कभी छू नहीं सकते,

ना देख सकते,

लेकिन फिर भी वो हमारी ज़िंदगी का सबसे बड़ा मालिक है।

हम उसकी क़ैद में हैं,और उसकी रफ़्तार में ही जीना सीखते हैं।

घड़ी की सुइयाँ सिर्फ़ धातु के टुकड़े हैं,

लेकिन उनके साथ बंधी है हमारी सुबह,

हमारी शाम,हमारे सपनों की उम्र,

और हमारे रिश्तों की गहराई।

समय हमें कभी रुककर सोचने का मौका नहीं देता।

वो लगातार बहता है —चाहे हम खुश हों, दुखी हों,

या कुछ भी न कर रहे हों।

और यही उसकी सबसे बड़ी सच्चाई है:

वो किसी का इंतज़ार नहीं करता।

हम अक्सर सोचते हैं — "

अभी तो बहुत समय है

"लेकिन "अभी" से "कभी" बनने में

बस पलक झपकने जितना वक़्त लगता है।

कल पर टाले गए सपने धीरे-धीरे बूढ़े हो जाते हैं,

और एक दिन हम महसूस करते हैं

कि समय हमारे हाथ से फिसल चुका है।

लेकिन समय एक दुश्मन नहीं है।

अगर हम उसका सही इस्तेमाल करना सीख लें,

तो वही हमारी सबसे बड़ी ताक़त बन सकता है।

हर दिन को एक छोटे खज़ाने की तरह जीना,

हर पल को महसूस करना,

और ज़रूरी चीज़ों को प्राथमिकता देना —

यही समय से दोस्ती करने का तरीका है।

क्योंकि अंत में,हमारी ज़िंदगी सालों में नहीं,

बल्कि उन पलों में मापी जाती है जो हमने सच में जिए हों।



 
 
 

Recent Posts

See All
तेरे बिना ज़िंदगी

तेरी हँसी में बसती है मेरी धड़कन, तेरे बिना लगता है अधूरा हर दिन । तुम से बातें हों तो दिल बहल जाता है, तेरी खामोशी में भी एक सुकून आता...

 
 
 
इन 9 दिनों तक

कविता का शीर्षक - इन 9 दिनों तक सुबह से मैं यही सोच रहा था की, इस नवरात्री पर क्या लिखा जाये | शाम होते - होते समझ आया की, क्यों ना इस...

 
 
 
हे राम मेरे कब आओगे

स्थिति - प्रभु श्री राम और रावण के बीच युद्ध होने के ठीक एक रात पहले एक अद्धभुत प्रेम संवाद | माता सीता जी नाराज़ होते हुए और प्रभु श्री...

 
 
 

Comments


bottom of page