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हे राम मेरे कब आओगे

  • Writer: Mister Bhat
    Mister Bhat
  • Sep 24
  • 2 min read

स्थिति - प्रभु श्री राम और रावण के बीच युद्ध होने के ठीक एक रात पहले एक अद्धभुत प्रेम संवाद |

माता सीता जी नाराज़ होते हुए और प्रभु श्री राम उन्हें मनाते हुए |

दोनों ही अपने प्रेम मय हदय के द्वारा बाते कर रहे है |


( कविता का शीर्षक - हे राम मेरे कब आओगे )



1.

हे राम मेरे कब आओगे,

कब अपनी सीता को छुड़ाओगे |

तुम बिन तड़प रहे है नैना...

कब अपने दर्श दिखाओगे ||


2.

तड़प रहा हुँ मैं भी सीते,

रोज नैन है मैरे भी भीगे |

मैं आ रहा हूँ तुम्हे ही लेने,

अब क्षण और एक अधिक ना बीते ||


3.

क्यों आप मुझे बेहला रहे हो,

क्यों झूठा प्रेम दिखा रहे हो |

अब आप प्रेम नहीं करते मुझ से,

इसलिए इतना समय लगा रहे हो | |


4.

हे सीते तु मैरे प्राण है,

हे जानकी तेरो नाम है |

है प्रेम मेरा सच्चा तभी

पहले सीता फिर राम है | |


🙏

राह देख देख मैं जी रही हुँ,

श्री राम मिलन को तरस रही हुँ |

अब तो आजाओ हे स्वामी,

मैं बन के नैना बरस रही हुँ ||


🙏

तुम धीरज रखो हे प्रिये ,

व्याकुल मैं भी हुँ प्रिये |

मैं आ रहा हुँ लेने तुम्हे,

बस एक रात और प्रिये ||


5.

अब विश्वास कैसे करू स्वामी,

देखो 1 वर्ष तो बीत गया |

प्रेम, तपस्या हारी मैरी

रावण का दम्भ है जीत गया | |


6.

मैंने याद में तेरी 1 वर्ष नैनो का है नीर पिया,

सीता प्रेम की खातिर सागर का सीना चिर दिया |

बस प्रिय अब कुछ क्षण सब्र और सही |

हदय तुम्हरा जीता है लंका भी मानो जीत गया | |


7.

सब्र नहीं अब एक भी क्षण,

प्रभु जल्दी मुझे लेने आओ |

प्रेम रथ पर स्वार करके,

उसी सम्मान और प्रेम से ले जाओ | |


8.

कुछ पहर ही सेस बचे है,

रावण का दम्भ जलने में |

कुछ पहर ही सेस बचे है,

हम दोनों के मिलने मैं ||


🙏

राह देख देख मैं जी रही हुँ,

श्री राम मिलन को तरस रही हुँ |

अब तो आजाओ हे स्वामी,

मैं बन के नैना बरस रही हुँ ||


🙏

तुम धीरज रखो हे प्रिये ,

व्याकुल मैं भी हुँ प्रिये |

मैं आ रहा हुँ लेने तुम्हे,

बस एक रात और प्रिये ||

 
 
 

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